शिक्षक से जनसेवक तक का सफर – साहिब सिंह वर्मा का जीवन आज की राजनीति के लिए एक मार्गदर्शक
नई दिल्ली, भारतीय राजनीति में सादगी, कर्मठता और जनसेवा के प्रतीक रहे पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री डॉ. साहिब सिंह वर्मा की पुण्यतिथि पर आज राजधानी समेत पूरे देश में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। विभिन्न राजनीतिक नेताओं, कार्यकर्ताओं और समाजसेवियों ने उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें विनम्र नमन किया।
कौन थे डॉ. साहिब सिंह वर्मा?
डॉ. साहिब सिंह वर्मा का जन्म 15 मार्च 1943 को दिल्ली के अलीपुर गांव में एक साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की और एक शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। शिक्षाविद् से नेता तक का उनका सफर प्रेरणादायक रहा।
डॉ. वर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे। उनका सादगीपूर्ण जीवन और स्पष्टवादिता उन्हें जनता से जोड़ती थी।
राजनीतिक सफर
डॉ. वर्मा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़कर 1990 के दशक में दिल्ली की राजनीति में उभरे। वे 1996 से 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने दिल्ली के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के संतुलित विकास पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद वे **केंद्र सरकार में श्रम एवं रोजगार मंत्री** भी रहे और उन्होंने देशभर में श्रमिकों के कल्याण के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की।
वह तीन बार सांसद चुने गए और संसद में भी उनकी उपस्थिति व वक्तृत्व क्षमता की सराहना की जाती रही।
उनकी छवि एक सरल, ईमानदार और ज़मीनी नेता की रही, जो जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं को सुलझाना पसंद करते थे।
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दुर्घटना में निधन
30 जून 2007 को राजस्थान के पास एक सड़क दुर्घटना में उनका आकस्मिक निधन हो गया। उनकी असामयिक मृत्यु ने भारतीय राजनीति को एक अनुभवी और लोकप्रिय जननेता से वंचित कर दिया।
विरासत और परिवार
डॉ. साहिब सिंह वर्मा की राजनीतिक विरासत को उनके बेटे परवेश साहिब सिंह वर्मा ने आगे बढ़ाया है।
परवेश वर्मा वर्तमान में पश्चिम दिल्ली से लोकसभा सांसद हैं और भाजपा के एक सक्रिय और प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। वे अपने पिता की तरह साफ़-सुथरी राजनीति और जनसेवा के प्रति प्रतिबद्धता को बनाए हुए हैं।
परवेश वर्मा ने कई बार मंचों से यह कहा है कि उनके राजनीतिक संस्कार और जनसेवा की प्रेरणा उन्हें अपने पिता से मिली है। वे दिल्ली के विकास से जुड़े कई मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
आज की श्रद्धांजलि सभाएं
आज उनकी पुण्यतिथि पर दिल्ली और उनके पैतृक गांव में श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन किया गया, जहाँ लोगों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। बीजेपी नेताओं, स्थानीय नागरिकों और शुभचिंतकों ने उनके योगदान को याद किया।
इस अवसर पर परवेश वर्मा ने कहा, “पिताजी का जीवन मेरे लिए एक आदर्श है। उन्होंने सच्चे अर्थों में जनसेवा को जिया और जनता से सीधे जुड़कर कार्य किया। मैं भी उन्हीं के पदचिन्हों पर चलने का प्रयास करता हूं।”
डॉ. साहिब सिंह वर्मा भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका राजनीतिक जीवन, मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता और सेवा भावना आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका जीवन दर्शाता है कि सादगी और ईमानदारी के साथ भी राजनीति में सफलता और सम्मान पाया जा सकता है।